संतनगर बुरारी नाम की जगह में जुलाई 2018 में एक बड़ी ही खोफनाक घटना घटी ओर यह घटना सुनकर ही लोगो के रोंगटे खड़े हो जाते है
नोट - इस आर्टिकल में जो भी कुछ बताने वाला हूं यह सारी जानकारी इंटरनेट से ली गई है और मुझे क्या लगता है में यह भी बताने वाला हूं , अगर आप मेरी किसी बात से सहमत नहीं है तोह मुझे कॉमेंट करके जरूर बताएं
ओर
इस आर्टिकल से कोई को defame ओर किसी की भावनाओं को हर्ट करना मेरा उद्देश्य नहीं है इसको बस मनोरंजन की तरह लेे
चलिए जानते है अब इस बारे में
दिल्ली के बुरारी नाम की जगह में एक भाटिया परिवार रहता था और उन्होंने मास सुसाइड किया था अब इसकी क्या वजह रही होगी इसके बारे में हम बात करेंगे आगे
पर अभी उस परिवार के बारे में जानते है
Burari Mass Suicide करने वाले परिवार में कितने लोग थे
इस भाटिया परिवार में कुल 11 लोग थे जो कि राजस्थान के चितौड़ जिले से थे और यह दिल्ली में 20 साल से रह रहे थे
घर की सबसे सबसे बड़ी सदस्य नारायणी देवी थी जिनकी उम्र 75 वर्ष थी
उनके 2 लड़के और एक लड़की थी
पहले बेटा का नाम भवनेश भाटिया था जिनकी उम्र 50 वर्ष थी और उनकी पत्नी का नाम सविता था जिनकी उम्र 48 वर्ष थी
भवनेश भाटिया के 3 बच्चे थे जिनमें 2 लड़की ओर 1 लडके था
पहली लड़की का नाम मेनका था और दूसरी बेटी का नाम नीतू था
ओर बेटे का नाम ध्रुव था
नारायणी देवी के दूसरे बेटे का नाम ललित भाटिया था जो कि 45 वर्ष के थे और उनकी पत्नी का नाम टीना था जो कि 42 वर्ष की थी
ललित भाटिया के एक ही लड़का था जिसका नाम शिवम् था
नारायणी देवी की एक बेटी थी जो जिनका नाम प्रतिभा था और वह 57 वर्ष की थी और प्रतिभा के एक बेटी भी थी जिनका नाम प्रियंका था
कैसे पता चला इस केस के बारे में
1 July 2018 की सुबह Delhi Police Control Room को एक कॉल गया और बताया गया की वहा भाटीया परिवार है और उनके घर में 10 लोगो ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर लिया और एक कि लाश अलग कमरे में है
भाटिया परिवार की 2 दुकानें थी एक दुकान उनकी किराने की थी और दूसरी दुकान उनकी (____) की थी
किराने की दुकान उनके घर के मुख्य दरवाजे के साथ पर ही थी और यह फोटो में देखिए
यह उनके ही घर का मुख्य द्वार है
घर के साइड में जो 11 पाइप दिखाई दे रहे है आपको उसकी अलग mystery है उसके बारे में भी बात करेगे हम
जैसा कि फोटो में आप देख पा रहे है दुकान बिल्कुल बगल है मुख्य द्वार से ओर 1 जुलाई को जब कॉल गया Police Control Room को तोह यह बताया कि
लोग वहा किराने के दुकान में सुबह दूध लेने आए थे पर दुकान बंद थी और मुख्य द्वार खुला हुआ था
लोगो ने आवाज़ लगाई और कोई घर से आवाज़ नहीं आई और फिर जब लोगो ने अंदर जाके देखा तो गैलरी जंगले से 10 लोग फांसी में लटके हुए थे जभी लोगो ने कॉल किया और यह घटना फिर सबके सामने आ पाई
क्यों किया आत्महत्या आइए इसपे नजर डालते है
Theory 1 - अंधविश्वास
भाटिया परिवार से एक डायरी मिलती है जिसमें पूरी विधि लिखी होती है कि कैसे पूजा करनी है उनको
Burari Case Diary में लिखा हुआ था
7 दिन बड़ पूजा लगातार करनी है
थोड़ी सराद्धा ओर लगन से
कोई घर में आ जाए तो तोह अगले दिन
बेबे भी खड़ी नहीं हो सकती तोह अलग कमरे में लेट सकती है
पट्टियां अच्छे से बांधनी ही शून्य के अलावा कुछ नहीं
पहले हाथ प्राथना की मुद्रा में थे अब सावधन की
ओर शरीर को तार से लपेटना है
रस्सी के साथ सूती चुन ओर साड़ी का प्रयोग ही करना है गले में
सबकी सोच एक जैसी हो
पहले से जुड़ा दृढ़ता हो
स्नान करने की जरूरत नहीं है मुंह हाथ धो कर भी
यह करते ही तुम्हारे आगे के काम दृढ़ता से होने शुरू होंगे
ढीलापन ओर अविश्वास नुकसानदायक होता है
श्रम तालमेल ओर आपसी सहयोग जरूरी होता है
मंगल वीर सनी ओर इतवार फिर आऊंगा
विश्वाश ओर दृढ़ता से करो और मध्यम रोशनी का प्रयोग करना है
हाथ की पट्टी बचेगी उसे आंखो में डबल कर लेना है
मुंह की पट्टी को भी रुमाल से डबल कर लेना है
जितनी दृढ़ता ओर सारद्धा दिखाएंगे उतना उचित फल मिलेगा
जिस दिन यह प्रयोग करो तो फोन का प्रयोग कम से कम करना
मंगल ओर वीरवार आयेगे
यह सब लिखा हुआ था डायरी में ये भी कहा जा रहा है कि भवनेश खुदको बचाने की कोशिश कर रहा था और जो जिस फंदे में लटक कर आत्महत्या कर रहा था भवनेश वह फंदा भी ढीला था
यह भी कहते लोग की हो सकता है भवनेश ने वह फंदा हटाने की कोशिश की होगी
ओर यह भी कहा जा रहा है कि जिन्होंने उस रिचुअल का विरोध किया उनके हाथ जबरदस्ती बांधे गए थे और उनके हाथ में इसके निशान भी मौजूद थे
कुछ ऐसे CCTV Clips भी विराल हुए थे जिसमे
रस्सी ओर स्टूल घर में ले जाते हुए दिखाई दिए थे
इससे ये पता चलता है कि यह सोच समझ कर किया गया था
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